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May 5, 2025

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पद ७ : क्हाना तेरी मुसकनीमें मन लागो (राग:सोहनी)

क्हाना तेरी मुसकनीमें मन लागो रे… क्हाना० मुसकनी मंद बिलोकी सुंदर, भवसंकट दु:ख भागो रे… क्हाना० १ कुलकी लाज संसारको नातो, तोड दियो जैसें धागो रे… क्हाना० २ सुखसंपत परिवार प्राण मोरे, तुमपर वारी कें त्यागो रे… क्हाना० ३ प्रेमानंद कहे मन मुरतिमें, अचल होइ अनुरागो रे… क्हाना० ४ read more

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पद ८ : क्हाना तेरे कारने वेरागन भइ (राग:सोहनी)

हो क्हाना तेरे कारने वेरागन भइ हुं रे… हो क्हाना० लोक कुटुंब परिवार छांडीके, गोकुल आयके रइहुं रे… हो क्हाना० १ तेरे रंग रंग्यो अंतरपट, कर जपमाला लइहुं रे… हो क्हाना० २ सुंदर बदन कमल छबी देखन, निशदिन फेरी दइहुं रे… हो क्हाना० ३ प्रेमानंद के नाथ में तेरी, तुम बिना ऑर न चइहुं रे… हो क्हाना० ४ read more

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पद ९ : लागो थासुं नेह नंदाजीरा लाल (राग:मारु सोहनी)

लागो थासुं नेह नंदाजीरा लाल… लागो० छेला मोइछां देखी थारी चाल… लागो० टेक छेलकुंवर थांरो वदन विलोकी, होइछां मे अधिक निहाल… लागो० १ मुसकनीम मन मोइ रयो छे, सुणी थारां बचन रसाल… लागो० २ माननि मनरंजन मारु थारी, चितवनी चपल गोपाल… लागो० ३ प्रेमानंदरा नाथ रहो उर, दीनानाथ दयाळ… लागो० ४ read more

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पद १० : पनामारु थे मारा शिरदार (राग:मारु सोहनी)

पनामारु थे मारा शिरदार… पनामारु० छेला छोजी हियारा हार… पनामारु० टेक हार हियारा छो नटनागर, नेणतणा शणगार… पनामारु० १ नंदरा नंदन माने वाला लागो छो, प्रितम प्राण आधार… पनामारु० २ रुप रसाल लाल थांने देखी, मोइ छे सबें ब्रजनार… पनामारु० ३ प्रेमानंदरा प्रान जीवन छो, रसिया नंदकुमार… पनामारु० ४ read more

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पद ११ : मारो मन बंसि बजाय लीयो (राग: मारु सोहनी)

मारो मन बंसि बजाय लीयो… मारो० क्हाना कामण कांइ कीयो… मारो० टेक काम काज माने कांइ न सूझे, जीव थांसुं लागी रीयो… मारो० १ वाट घाट मानें जातां वलतां, नजर मेलावो दीयो… मारो० २ तब मारुं मानें चेंन पडे छे, निरखी ठरे छे हीयो… मारो० ३ प्रेमानंदरा नाथ सनेही, कोटी वरीसोंथें जीयो… मारो० ४ read more

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पद १२ : थांसुं मन मान्यो छेजी (राग:मारु सोहनी)

थांसुं मन मान्यो छेजी रंगछेल… थांसुं० आज आवो मोहन मारे मेल… थांसुं० टेक नेन पलक सुंपिया थारे कारन, छेल बिहारी गेल… थांसुं० १ सेज समारी थारी वाट जोवा छां, नंदकुंवर रंगरेल… थांसुं० २ मनमोहन थांने मरदन करसां, अतर सरस फुलेल… थांसुं० ३ प्रेमानंदरा नाथ पधारो, अविनाशी अलबेल… थांसुं० ४ read more

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પદ ૧૩ : મનના માનેલ માવ રે (રાગ:પરજ)

મનના માનેલ માવરે, આવો વાલા મનના માનેલ માવ રે… આવો૦ ટેક અમે અબળા વાલા દાસ તમારા રે, અમ પર આવડલો શ્યો દાવ રે… આવો. ૧ મોત‍િડાં વેરાવું વાલા ચોક પૂરાવું રે, દૂધડે પખાળું તારા પાવ રે… આવો. ૨ એક વાર વાલા મારે મંદ‍િર પધારો રે, જોવા મારા દલડાંનો ભાવ રે… આવો. ૩ પ્રેમાનંદના શ્યામ મનોહર, દીધું જીવન કેરું દાન રે… આવો. ૪ read more

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પદ ૧૪ : છેલ છબીલા ક્હાન રે (રાગ:પરજ)

છેલ છબીલા ક્હાન રે, ઘેલાં કીધાં છેલ છબીલા ક્હાન રે… ઘેલાં. ટેક૦ મનમોહન મારું મન હરી લીધું, શ્યામ સુંદર ગુણવાન રે… ઘેલાં. ૧ મીઠી મીઠીરે મુખ મોરલી વાઇને, ગાઇને તે સુંદર તાન રે… ઘેલાં. ૨ વશ કીધી વાલમ ગ‍િર‍િધારી, મારી નેણાં કેરી સાન રે… ઘેલાં. ૩ પ્રેમાનંદ કહે જન્મ સુધાર્યો રે, દીધું જીવન કેરું દાન રે… ઘેલાં. ૪ read more

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