Last Updated:
May 5, 2025

Click here to submit your article
ભાષા
Per Page :

સ્વામીની વાતો – પ્રકરણ ૧, વાત- ૩૪ર

અને કથા કરે, કીર્તન કરે, ને વાતો કરે, પણ ‘આ દેહ હું નહિ’ એમ માને નહિ, માટે આઠ પહોર ભજન કરવું – જે હું દેહ નહિ ને દેહમાં હહ્યો એવો જે હું તે આત્‍મા છું. બ્રહ્મ છું, અક્ષર છું. ને મારે વિષે પરમાત્‍મા પરબ્રહ્મ પુરુષોત્તમ પ્રગટ પ્રમાણ અખંડ રહ્યા છે. તે કેવા છે તો સર્વ અવતારના અવતારી છે સર્વ કારણના કારણ છે, ને સર્વ થકી પર છે, તે પ્રગટ પ્રમાણ આ મને મળ્‍યા છે. આ વાતમાં સાંખ્‍ય ને યોગ બેય આવી રહ્યા. ૩૪૨ ઇતિશ્રી સહજાનંદ સ્‍વામીના શિષ્ય ગુણાતીતાનંદ સ્‍વામીએ કરેલી વાતોમાં ભગવાનનો તથા સંતનો મહિમા કહ્યો એ નામે પ્રથમ પ્રકરણ સમાપ્‍ત. ૧ read more
0 Views : 1337

पद १ : ए गावे पीया प्यारी (राग:सोहनी)

ए गावे पीया प्यारी, ध्रुपद सप्त सूर तीनग्राम एक वीस मूर्छना लेत बनाइ… ए गावे. टेक आरोही अवरोही, अस्ताइ संचाइ धूरन मूरन बरन बरन परन बजाइ… ए गावे. १ गडगडथों गडगडथों, घुमकटतक् घुमकटतक् ताधिलांग् ताधिलांग् मरदंग बाजत सोहाइ… ए गावे. २ प्रेमानंद कहे प्यारी, लेत तान तनननन प्रशंसित श्याम लेत कंठ भुज लगाइ… ए गावे. ३ read more
1 Views : 1741

पद २ : केसरको तिलक भाल (राग: सोहनी)

केसरको तिलक भाल अत रसाल मानु मराल बाल लटक चलत लाल नेननके तारे… केसर० टेक. अधर मधुरी बेंन, चंचल चपल नेंन सेंन हुं में हरत, मेरे प्राण प्यारे… केसर० १ नील कलेवर, चंदनकी कीने खोर वैजयंति माल उर, पीत बसन धारे… केसर० २ करुनानिधान क्हान, हरत मन्मथको मान प्रेमानंद हुंके प्राण, नाथ हमारे… केसर० ३ read more
0 Views : 1431

पद ३ : ए देखे चार चंद (राग: सोहनी)

ए देखे चार चंद एक ठोर जुगल चंद बरन नील, जुगल शशि सोहत बरन गोर… ए देखे० टेक निरख रही नितंबिनी, नवल पीया के संग नये नये नेह भरी, रविजा ऑर… ए देखे० १ चंद संग चार कीर, चार कुद चार प्रवाल चार मीन अलि चार फल, चार अष्ट चकोर… ए देखे० २ प्रेमानंद परम सुंदर छबी, विलोकी थकीत भयो अटकी रह्यो तहां, मन मोर… ए देखे० ३ read more
0 Views : 1717

पद ४ : ए लीने सरस सार उपचार (राग: सोहनी)

ए लीने सरस सार उपचार करन विहार प्यारी भेट ले चली वृषभान दुलारी… ए लीने० टेक करकें सिंगार लीने, फुल चार फल चार चार चतुर पद खाग चारी… ए लीने० १ नव सप्त सज सोहाग, पीया संग अनुराग बडभाग देखन लाग रस भरी नारी… ए लीने० २ ऑर हुं अनेक भाव, नेंन बेंन सेंनहुंमें प्रेमानंद करके रिझाये गिरिधारी… ए लीने० ३ read more
0 Views : 1417

पद ५ :छेला तेरी छेल छबीली (राग: सोहनी)

छेला तेरी छेल छबीली मीठी बोलनी रे… छेला० मनमोहन मीठी बोलनी के सम, ऑर नहिं जग तोलनीरे… छेला० १ बोलनीमें बस भयो मन मेरो, मिट गइ डगमग डोलनीरे… छेला० २ बचन सुधाझरी जन मन उपर, बरसत परम अमोलनीरे… छेला० ३ प्रेमानंद बस गइ दीलमें, तिल छबी करन कपोलनीरेरे… छेला० ४ read more
0 Views : 1695

पद ६ : लाला तेरी लटकनीमें ललचाइ (राग: सोहनी)

लाला तेरी लटकनीमें ललचाइ रे… लाला० लटकती चाल चलत मनमोहन, मधुर मधुर मुसकाइ रे… लाला० १ जब देखुं मोहन रंग भीने, आनंद उर न समाइ रे… लाला० २ लटकती चाल लाल द्रग चंचल, बीनु देखें कछु न सोहाइ रे… लाला० ३ प्रेमानंद घनश्याम मुरति, निरखत ध्यान लगाइ रे… लाला० ४ read more
0 Views : 1407

पद ७ : क्हाना तेरी मुसकनीमें मन लागो (राग:सोहनी)

क्हाना तेरी मुसकनीमें मन लागो रे… क्हाना० मुसकनी मंद बिलोकी सुंदर, भवसंकट दु:ख भागो रे… क्हाना० १ कुलकी लाज संसारको नातो, तोड दियो जैसें धागो रे… क्हाना० २ सुखसंपत परिवार प्राण मोरे, तुमपर वारी कें त्यागो रे… क्हाना० ३ प्रेमानंद कहे मन मुरतिमें, अचल होइ अनुरागो रे… क्हाना० ४ read more
0 Views : 1885
Powered By Indic IME