क्हाना तेरी मुसकनीमें मन लागो रे… क्हाना०
मुसकनी मंद बिलोकी सुंदर, भवसंकट दु:ख भागो रे… क्हाना० १
कुलकी लाज संसारको नातो, तोड दियो जैसें धागो रे… क्हाना० २
सुखसंपत परिवार प्राण मोरे, तुमपर वारी कें त्यागो रे… क्हाना० ३
प्रेमानंद कहे मन मुरतिमें, अचल होइ अनुरागो रे… क्हाना० ४